जिला ताइक्वांडो संघ का नियमित प्रशिक्षण गुरुवार से पुलिस स्टेडियम में प्रारंभ हो गया है। परीक्षा के चलते 10 फरवरी से 15 मार्च तक संघ ने अभ्यास पर विराम लगा दिया था, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। परीक्षा हो गई। इसलिए प्रशिक्षण की फिर से शुरुआत कर दी गई है।
संघ का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सालभर नियमित रूप से जारी रहता है। वर्तमान में 35 खिलाड़ी हैं, जिन्हें संघ के वरिष्ठ कोच राजकुमार शर्मा प्रशिक्षण देते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ताइक्वांडो संघ के महासचिव रामपुरी गोस्वामी ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इन खिलाड़ियों में राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। यहां नियमित अभ्यास से उनके खेल कौशल में निखार आता है। वहीं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अधिक से अधिक मेडल जीतने के अवसर बढ़ते हैं।
खिलाड़ियों के इसी जुनून को देखते हुए संघ इनके अभ्यास को किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं करना चाहता। इस प्रशिक्षण की फिर से शुरुआत करने का एक बड़ा उद्देश्य नए खिलाड़ियों की खोज भी है। अभिभावक बच्चों को खेल के क्षेत्र में उपलब्धि दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। ताइक्वांडो अभिभावकों का पसंदीदा खेल है। स्थिति यह रहती है कि वह परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रशिक्षण शुरू करने की जानकारी लेने लगते हैं। इसे देखते हुए अविलंब प्रशिक्षण शुरू किया गया है। प्रशिक्षण पुलिस स्टेडियम में शाम पांच बजे से 7.30 बजे तक चलेगा।
प्रशिक्षण में आयु का निर्धारण
प्रशिक्षण में न्यूनतम चार वर्ष या उससे अधिक उम्र के खिलाड़ी ही भाग लेकर ताइक्वांडो की बारीकियां सीख सकते हैं। संघ का यह प्रयास रहता है कि प्रशिक्षण के माध्यम से खिलाड़ियों को इतना परिपक्व करें कि जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने की पात्रता प्राप्त कर सकें।
यूनिफार्म को छोड़ सभी उपकरण संघ कराता है उपलब्ध
संघ के महासचिव रामपुरी गोस्वामी का कहना है कि ताइक्वांडो संघ के इस प्रशिक्षण में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को केवल यूनिफार्म पहनकर आना होता है। इसके बाद चेस्ट गार्ड, फेस गार्ड से लेकर अन्य जितने भी उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है, उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। अभ्यास मेट में ही कराया जाता है। दरअसल प्रतियोगिता जिस स्तर की हो, उनके मैच भी मेट में कराने का प्राविधान है। मेट में अभ्यास होने से खिलाड़ियों को प्रतियोगिता के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में जरा भी दिक्कत नहीं आती।
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